RTET supreme court decision Info : आरटेट पर सुनवाई Final RTET Related Decision Regarding Correction of Marks. RTET Related Decision
आरटेट में 20% तक अंकों की छूट सही, 40 हजार शिक्षक होंगे नियमित
{चार साल से अटका था मामला, दिवाली से पहले अभ्यर्थियों को मिली खुशी
{राज्य सरकार की एसएलपी मंजूर करते हुए दिए गए आदेश
लीगल/एजुकेशनरिपोर्टर | जयपुर
सुप्रीमकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से आरटेट-2011 में आरक्षित वर्ग को दिए गए रिजर्वेशन और इसके तहत की गई 2012 में की गई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती को सही माना है। न्यायाधीश एके सीकरी एनवी रमाना की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार अन्य की एसएलपी को मंजूर करते हुए दिया। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ के 2 जुलाई 2013 के आदेश को भी रद्द कर दिया।
इस आदेश के तहत राज्य सरकार द्वारा आरटेट-2011 के परिणाम को रद्द करते हुए 2012 में इसके तहत की गई तृतीय श्रेणी शिक्षकों का परिणाम दुबारा जारी करने तथा दुबारा चयन सूची बनाने को कहा गया था। साथ ही शिक्षा विभाग को भी 8 हजार नए शिक्षक मिलेंगे। इससे स्कूलों में खाली पद भर सकेंगे। राजस्थान एकीकृत बेरोजगार महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा- यह बेरोजगारों के लंबे संघर्ष की जीत है।
शिक्षा राज्यमंत्री बोले-
^फैसलेके बाद शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से अनिश्चितता खत्म हो सकेगी और अभ्यर्थियों को उनका हक मिलेगा।
40 हजार शिक्षक हो सकेंगे नियमित
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2012 में सरकार ने 40 हजार को नियुक्ति दी थी। इसमें से 27 हजार चयनित शिक्षकों के 60 फीसदी से अधिक अंक थे और 13 हजार शिक्षकों के 60 फीसदी से कम अंक थे। सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के कारण इन 13 हजार शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक रही थी। इनको राहत मिल गई। अब सभी 40 हजार शिक्षकों का स्थायीकरण भी हो सकेगा। हालांकि राज्य सरकार इनको नियमित वेतन देने के आदेश पहले ही दे चुकी थी, लेकिन एरियर बकाया है।
...और8 हजार को मिलेगी नियुक्ति
तृतीयश्रेणी शिक्षक भर्ती 2013 में सरकार को 20 हजार पदों पर नियुक्ति करनी थी। लेकिन आरटेट का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण कई दिनों तक नियुक्ति अटकी रही। अभ्यर्थियों की बार-बार मांग के बाद सरकार ने निर्णय लिया था कि कोर्ट के निर्णय से अप्रभावित रहने वालों को नियुक्ति दे दी जाए। इसके बाद 20 हजार में से 12 हजार उन चयनित शिक्षकों को नियुक्ति दे दी गई, जिनके आरटेट में 60% से अधिक अंक थे। मेरिट में शामिल 60% से कम अंक वाले 8 हजार चयनित शिक्षकों को नियुक्ति नहीं मिल सकी। अब इन शिक्षकों की नियुक्त भी हो सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया हाईकोर्ट का आदेश, राज्य सरकार को सही बताया
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सरकार को छूट देने का अधिकार
अबसुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार ने अपनी नोटिफिकेशन सर्कुलर के अनुसार आरटेट में आरक्षित वर्ग को रिजर्वेशन दिया था और सरकार को अपनी नीतियों के तहत रिजर्वेशन देने का अधिकार था। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता इरशाद अहमद ने दलील दी कि राज्य सरकार ने नियमानुसार ही आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को रिजर्वेशन दिया है और इसमें कोई अवैधानिक कार्य नहीं किया है इसलिए हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर एसएलपी मंजूर की जाए।
सरकार ने दी थी 5 से 20% अंकों की छूट, हाईकोर्ट ने बताया गलत
एनसीटीईकी गाइडलाइन के मुताबिक टेट में न्यूनतम 60 फीसदी अंक प्राप्त करने वाला ही शिक्षक भर्ती के योग्य माना गया है। लेकिन तत्कालीन राज्य सरकार ने आरटेट में आरक्षित वर्ग को न्यूनतम उत्तीर्णांक में 5 से 20 फीसदी की छूट दी। इस पर कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट की पहले एकलपीठ, फिर खंडपीठ ने इस छूट को गलत माना।
हाईकोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार की 5 से 20 प्रतिशत अंकों की छूट देना गलत है। आरटेट में पास होने के लिए साठ प्रतिशत अंक ही जरूरी हैं। इस पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की।
RTET supreme court decision Info : आरटेट पर सुनवाई : आरटेट में 20% तक अंकों की छूट सही, 40 हजार शिक्षक होंगे नियमित
आरटेट में 20% तक अंकों की छूट सही, 40 हजार शिक्षक होंगे नियमित
{चार साल से अटका था मामला, दिवाली से पहले अभ्यर्थियों को मिली खुशी
{राज्य सरकार की एसएलपी मंजूर करते हुए दिए गए आदेश
लीगल/एजुकेशनरिपोर्टर | जयपुर
सुप्रीमकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से आरटेट-2011 में आरक्षित वर्ग को दिए गए रिजर्वेशन और इसके तहत की गई 2012 में की गई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती को सही माना है। न्यायाधीश एके सीकरी एनवी रमाना की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार अन्य की एसएलपी को मंजूर करते हुए दिया। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ के 2 जुलाई 2013 के आदेश को भी रद्द कर दिया।
इस आदेश के तहत राज्य सरकार द्वारा आरटेट-2011 के परिणाम को रद्द करते हुए 2012 में इसके तहत की गई तृतीय श्रेणी शिक्षकों का परिणाम दुबारा जारी करने तथा दुबारा चयन सूची बनाने को कहा गया था। साथ ही शिक्षा विभाग को भी 8 हजार नए शिक्षक मिलेंगे। इससे स्कूलों में खाली पद भर सकेंगे। राजस्थान एकीकृत बेरोजगार महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा- यह बेरोजगारों के लंबे संघर्ष की जीत है।
शिक्षा राज्यमंत्री बोले-
^फैसलेके बाद शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से अनिश्चितता खत्म हो सकेगी और अभ्यर्थियों को उनका हक मिलेगा।
40 हजार शिक्षक हो सकेंगे नियमित
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2012 में सरकार ने 40 हजार को नियुक्ति दी थी। इसमें से 27 हजार चयनित शिक्षकों के 60 फीसदी से अधिक अंक थे और 13 हजार शिक्षकों के 60 फीसदी से कम अंक थे। सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के कारण इन 13 हजार शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक रही थी। इनको राहत मिल गई। अब सभी 40 हजार शिक्षकों का स्थायीकरण भी हो सकेगा। हालांकि राज्य सरकार इनको नियमित वेतन देने के आदेश पहले ही दे चुकी थी, लेकिन एरियर बकाया है।
...और8 हजार को मिलेगी नियुक्ति
तृतीयश्रेणी शिक्षक भर्ती 2013 में सरकार को 20 हजार पदों पर नियुक्ति करनी थी। लेकिन आरटेट का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण कई दिनों तक नियुक्ति अटकी रही। अभ्यर्थियों की बार-बार मांग के बाद सरकार ने निर्णय लिया था कि कोर्ट के निर्णय से अप्रभावित रहने वालों को नियुक्ति दे दी जाए। इसके बाद 20 हजार में से 12 हजार उन चयनित शिक्षकों को नियुक्ति दे दी गई, जिनके आरटेट में 60% से अधिक अंक थे। मेरिट में शामिल 60% से कम अंक वाले 8 हजार चयनित शिक्षकों को नियुक्ति नहीं मिल सकी। अब इन शिक्षकों की नियुक्त भी हो सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया हाईकोर्ट का आदेश, राज्य सरकार को सही बताया
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सरकार को छूट देने का अधिकार
अबसुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार ने अपनी नोटिफिकेशन सर्कुलर के अनुसार आरटेट में आरक्षित वर्ग को रिजर्वेशन दिया था और सरकार को अपनी नीतियों के तहत रिजर्वेशन देने का अधिकार था। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता इरशाद अहमद ने दलील दी कि राज्य सरकार ने नियमानुसार ही आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को रिजर्वेशन दिया है और इसमें कोई अवैधानिक कार्य नहीं किया है इसलिए हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर एसएलपी मंजूर की जाए।
सरकार ने दी थी 5 से 20% अंकों की छूट, हाईकोर्ट ने बताया गलत
एनसीटीईकी गाइडलाइन के मुताबिक टेट में न्यूनतम 60 फीसदी अंक प्राप्त करने वाला ही शिक्षक भर्ती के योग्य माना गया है। लेकिन तत्कालीन राज्य सरकार ने आरटेट में आरक्षित वर्ग को न्यूनतम उत्तीर्णांक में 5 से 20 फीसदी की छूट दी। इस पर कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट की पहले एकलपीठ, फिर खंडपीठ ने इस छूट को गलत माना।
हाईकोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार की 5 से 20 प्रतिशत अंकों की छूट देना गलत है। आरटेट में पास होने के लिए साठ प्रतिशत अंक ही जरूरी हैं। इस पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की।
Artet the state government filed SLP in Supreme Court against the High Court ruling said. A division bench of the High Court again canceled Artet 2011 results are instructed to release the results. In the third category, teachers are asked to select the catalog reissued. State level of government decision after it has been decided to study deeply.
State additional advocate general SN Kumawat said that the government side will be placed before the Supreme Court that the government has the right to waive the reserved class. NCTE is also mentioned in the guidelines, the government had exempted in his crib. Kumawat said in other states in the 40 percent discount is given. Artet was not challenged by any candidate and raised this issue at the time of recruitment, which is incorrect. Aparna Arora, chief secretary of the Panchayati Raj department level Artet the Supreme Court has decided to go. In this regard, officials are Delhi. He will soon be the case before the court. What will be the impac When the Supreme Court issued a stay order from the High Court in this case a government and is expected to relieve both candidates. More than 4,200 candidates scored less than 55 percent typically get relief, whom the High Court decision was expected to be removed from the job. These candidates released by the state government as per the reservation policy was applied.
State additional advocate general SN Kumawat said that the government side will be placed before the Supreme Court that the government has the right to waive the reserved class. NCTE is also mentioned in the guidelines, the government had exempted in his crib. Kumawat said in other states in the 40 percent discount is given. Artet was not challenged by any candidate and raised this issue at the time of recruitment, which is incorrect. Aparna Arora, chief secretary of the Panchayati Raj department level Artet the Supreme Court has decided to go. In this regard, officials are Delhi. He will soon be the case before the court. What will be the impac When the Supreme Court issued a stay order from the High Court in this case a government and is expected to relieve both candidates. More than 4,200 candidates scored less than 55 percent typically get relief, whom the High Court decision was expected to be removed from the job. These candidates released by the state government as per the reservation policy was applied.
RTET supreme court decision Info : आरटेट पर सुनवाई आगे खिसकी RTET Related Decision Regarding Correction of Marks. RTET Related Decision
In an election year, the government is yet to make such drastic measures will have to remove candidates. In the case of the Supreme Court in the case of those 4,894 candidates joining may be stuck. The candidates did not join because of the High Court stay. Additionally Artet to announce the results of the examination is likely to be delayed.
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